जानें विरासत में मिले घर को बेचने पर किस प्रकार देना पड़ता है टैक्स - Wave City

जानें विरासत में मिले घर को बेचने पर किस प्रकार देना पड़ता है टैक्स

जानें विरासत में मिले घर को बेचने पर किस प्रकार देना पड़ता है टैक्स

आप में से बहुत से लोगों के मन में विरासत में मिली संपत्ति या घर पर कर यानि कि टैक्स को लेकर कई प्रश्न होंगे | कई लोगों को लगता है कि विरासत में मिली प्रॉपर्टी पर कोई टैक्स मान्य नहीं है, वहीँ दूसरी ओर बहुत से लोगों को आश्चर्य होता है कि इस प्रकार की सम्पत्ति पर कर की प्रणाली क्या है|

आइये आपकी इस उलझन को हम सुलझाते हैं |

दरअसल,यूँ तो विरासत की पूँजी या सम्पत्ति पर कोई कर देय नहीं है, लेकिन यदि आप उस सम्पत्ति को बेचते हैं और उसमें आपको लाभ प्राप्त होता है, तो उस लाभ पर आपको कर यानि कि टैक्स अवश्य देना होगा | वंशानुगत घर या किसी भी सम्पत्ति को बेचते समय आपको जो पूंजीगत लाभ मिलता है, केवल उसी लाभ पर टैक्स देना मान्य होता है |

लेकिन विरासत में मिलने वाली यह सम्पत्ति कितने लोगों से होकर गुज़रती है, तो इसके पूंजीगत लाभ का निर्धारण किस प्रकार हो पायेगा? आप भी यही सोच रहे होंगे?

यह पूंजीगत लाभ या तो अल्पावधि का होता है या फिर दीर्घ अवधि का| यदि विरासत में मिला हुआ यह घर आप 3 साल से अधिक समय तक के लिए रखते हैं तो इसे दीर्घकालिक परिसंपत्ति माना जाता है, वहीँ यदि आप इसे 3 साल से पहले किसी को दे देते हैं, तो इसे लघुकालिक परिसंपत्ति में गिना जाता है |

घर बेचने की राशि में से घर प्राप्त करने की वास्तविक कीमत और उसमें सुधार करने में लगी रकम को काटकर जो भी बचता है, उसे Short Term Gain यानि कि अल्पावधि लाभ अर्जन में गिना जाता है, जिस पर आपको टैक्स देना होता है |

वहीँ दूसरी तरफ यदि वंशानुगत घर को आप 3 साल से अधिक अवधि के लिए रखते हैं, तो इसमें से घर प्राप्त करने की वास्तविक कीमत, उसमें सुधार की कीमत जो कि Cost Inflation Index Multiplier से गुणा करके बढ़ जाती है, पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता |

अब आप यदि वंशानुगत घर की वास्तविक कीमत की बात करें तो वो कीमत वह नहीं है, जिसमें आपने इसे खरीदा है या जो इसकी वर्तमान कीमत है, बल्कि इसकी वास्तविक कीमत वह है, जिसमें इसे पहली बार इसके वास्तविक यानि कि पहले ग्राहक ने खरीदा था |

यदि यह घर आपको आपके पिताजी से विरासत में मिला था और उन्हें भी अपने पिताजी यानि कि आपके दादाजी से मिला जिन्होंने इसे 50,000 रूपए में खरीदा था, तो इस घर की वास्तविक कीमत 50,000 होगी | और इसमें सुधार में जो रकम लगी उसे Cost Inflation Index Multiplier से गुणा कर जो कीमत निकलेगी, तो इन दोनों कीमतों को जोड़कर वह कीमत टैक्स से मुक्त होगी | बाकी की कीमत को पूंजीगत लाभ मानकर उस पर कर लगाया जाएगा |

इसके अतिरिक्त सरकार के नियमानुसार, यदि यह विरासत में मिला घर अप्रैल 1981 से पहले का है और आपको इसकी वास्तविक कीमत का पता नहीं, तो आप इसकी वास्तविक कीमत का पता उस समय की मार्किट वैल्यू के हिसाब से लगा सकते हैं |

उम्मीद है कि इस लेख द्वारा आपके परंपरागत पूँजी या घर पर टैक्स से सम्बंधित प्रश्नों का उत्तर मिला होगा|

कर से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए राजस्व विभाग या फिर आयकर विभाग से संपर्क करके जानकारी ली जा सकती है|

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